शनिवार, 31 मई 2014

टूटा सिंहराज का वादा

सिंहराज ने खबर सुनी जब
शाकाहारी जीते ज्यादा
चिंता हुयी उन्हें फ़िर भारी
क्या मेरी बस उमर है आधा।

शाकाहारी बनूं अगर तो
मार्ग में आयें ढेरों बाधा
कौन लाएगा भोजन मेरा
घट के वजन भी होगा आधा।

बुला के जंगल के जीवों को
किया तुरत उनसे इक वादा
मांस नहीं खाऊंगा अब मैं
फ़लाहार बस करूंगा सादा।

बैठ गुफ़ा के बाहर अपनी
सोच रहा क्या खाऊं सादा
खरगोश देख के लालच आयी
तोड़ दिया फ़िर अपना वादा।
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डा0हेमन्त कुमार

रविवार, 18 मई 2014

चूजे


इक मुर्गी के दो थे चूजे
दिखने में थे बड़े अजूबे
काली कलगी वाला कालू
छुटके को सब कहते लालू।

घूम घूम अपने दड़बे में
करते थे दोनों हुड़दंग
कभी मुर्ग की पीठ पे कूदें
कभी दौड़ते दोनों संग।


इक दिन बिल्ली मौसी आईं
चूजे देख के वो ललचाई
पहले लालू को ले जाऊं
या फ़िर कालू को मैं खाऊं।

देख के उनको दोनों चीखे
गली के सारे कुत्ते भौंके
मौसी की फ़िर शामत आई
भाग वहां से जान बचाई।
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नित्या शेफ़ाली
कक्षा-11 –c
सेण्ट डोमिनिक सेवियो कालेज
लखनऊ