बुधवार, 18 फ़रवरी 2009

बालगीत

कई अजूबे हम बच्चों को
दिखलाता है सर्कस
नीचे सर तो ऊपर पैर
करवाता है सर्कस।
कई अजूबे……………।

हाथी जी से रिक्शागाड़ी
बन्दर जी से रेलगाड़ी
मिट्ठू जी से मोटरगाड़ी
जोकर जी से छकड़ा गाड़ी
चलवाता है सर्कस।
कई अजूबे……………।

मुर्गा जी के सर पे अंडा
भालू जी की पीठ पे डंडा
बिल्ली जी की पूँछ पे हंडा
चीते जी की मूंछ पे बन्डा
रखवाता है सर्कस।

कई अजूबे हम बच्चों को
दिखलाता है सर्कस।
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हेमंत कुमार

1 टिप्पणी:

  1. आदरणीय हेमंत जी ,
    आपने बहुत सुंदर ढंग से सर्कस को बच्चों
    तक पहुँचाने का प्रयास किया है .

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